27 जनवरी 2025 से लागू समान नागरिक संहिता के तहत अब तक 3 लाख से अधिक विवाह हुए पंजीकृत, महिलाओं के अधिकारों को मिलेगा सशक्त संरक्षण
विवाह पंजीकरण के लिए अब एक साल की मिलेगी राहत
UCC Marriage Registration: उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code – UCC) के अंतर्गत नागरिक विवाह पंजीकरण के लिए समय सीमा को 6 माह से बढ़ाकर 1 वर्ष कर दिया है। यह निर्णय उन दंपतियों के लिए राहतभरा है, जो किसी कारणवश 6 माह की पूर्व समय-सीमा में रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पाए थे। 2025 के बाद हुए विवाह के पंजीकरण के लिए 60 दिन के भीतर रजिस्ट्रेशन करना आवश्यक है, जिसके लिए 250 रूपये सरकारी शुल्क लिया जा रहा है लेकिन यदि 2025 में कोई शादी होती है और वह विवाह पंजीकरण 60 दिन के भीतर नहीं करता है तो उसे 250 रूपये सरकारी शुल्क के साथ 200 रूपये का अतिरिक्त विलम्ब शुल्क भी भरना पड़ेगा।
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विवाह पंजीकरण में रिकॉर्ड वृद्धि
प्रदेश में 27 जनवरी 2025 से लागू समान नागरिक संहिता के तहत अब तक 3,04,360 विवाह पंजीकृत हो चुके हैं। औसतन हर दिन 1634 विवाह रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं। यह आंकड़ा पहले की तुलना में कई गुना अधिक है, जहां 2010 से 2025 तक केवल 3,30,064 पंजीकरण ही हुए थे और प्रति दिन का औसत मात्र 67 था।
लिव-इन और तलाक पंजीकरण भी ऑनलाइन
समान नागरिक संहिता के तहत सिर्फ विवाह ही नहीं, बल्कि लिव-इन रिलेशनशिप पंजीकरण और तलाक आवेदन भी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किए जा रहे हैं।
- अब तक 42 जोड़ों ने लिव-इन में रहने के लिए पंजीकरण कराया है।
- 239 विवाह विच्छेद (तलाक) के आवेदन दर्ज हुए हैं।
- 1750 उत्तराधिकार पंजीकरण भी किए जा चुके हैं।
UCC पोर्टल पर प्रतिदिन औसतन 1600 से अधिक लोग रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। विवाह, लिव-इन, तलाक और उत्तराधिकार जैसे कानूनी कार्य अब घर बैठे ऑनलाइन संभव हैं, जिससे समय और संसाधनों की बचत हो रही है।
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महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि:
“समान नागरिक संहिता के तहत हो रहे पंजीकरण से समाज में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ रही है। यह विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम है।”
